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Umesh Nager

Others

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मौत से मुलाकात

मौत से मुलाकात

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जिंदगी के उस हसीन मोड़ पे एक अजीब सी घटना घटित हो गई...

जब जा रहा था मैं अपने पथ पर तब मौत से मेरी मुलाकात हो गई...|


देखते ही मौत को इस कदर दौड़ा मैं अपने पथ पर...

जैसे बैठे हो श्रीकृष्ण अपने हाँके हुए रथ पर...|


अल्पसमय में ही दौड़ते हुए मैं हाँफते हाँफते रुक गया...

मौत थी मेरे सामने और मैं चारो तरफ से फंस गया...|


मौत ने मुझसे पूछा- क्यों भागे तुम मैं तो तुम्हारी अंतिम छवि हूँ...

हाँफते हुए मैंने कहा- माफ कर दे हे मातृ मैं तो एक मामूली सा कवि हूँ..|


देखकर मेरी तरफ बोली- तुम व्यक्ति तो मुझे सच्चे लगते हो.....

मुझसे डर इस कदर रहे, मुझे तो दिल के भी कच्चे लगते हो...|


मैंने कहा- मुझे डर नही लगता मुझे तो अपनी जिंदगी से प्यार है...

ओर तुम कुछ दिन बाद आना क्योंकि यमराज मेरा यार है...|


आयी कुछ दिन बाद वो बोली कि अब तो तू तैयार है...

मैंने कहा ले चल अपने साथ मुझे, तेरा कब से मुझे इंतज़ार है...।



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