मैं एक नारी हूँ
मैं एक नारी हूँ

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काम और पैसा तो सब को चाहिए,
नौकरी भी करूँ और गृहस्थी भी चलाऊ,
पैसा कमाऊ पर घर से बाहर न जाऊँ,
यह हमसे हमारी समाज की अपेक्षा जो है,
क्यूंकि मैं एक नारी हूँ....
पदोन्नति हो या बेहतर काम चाहिए,
स्वप्न बड़ा हो या बड़ा मुकाम चाहिए,
समाज के कुछ लोगों को इसका भी इनाम चाहिए
कि इसके लिए एक रात उनके साथ गुजारूं,
क्यूंकि मैं एक नारी हूँ....
पुरुषों से ज्यादा हमसे काम चाहिए,
वेतन भी कम और गुलाम चाहिए,
कर सकूँ सदा समाज की तरफदारी
सब सहती रहूँ, क्योंकि सबको हमारी बंद जुबान चाहिए
क्यूंकि मैं एक नारी हूँ....