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Vicky Gupta

Others

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Vicky Gupta

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माँ

माँ

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उस पल जब मैं जिंदगी में आया

शायद कोई नहीं जानता कि मैंने

तुझे कितना तकलीफ पहुंचाया

फिर भी तूने मुस्कुरा कर मुझे गले से लगाया

उस पल मुझे जिंदगी में सच्चे प्यार

का मतलब समझ आया

ऐ माँ तूने मुझे इस जिंदगी में लाया।


पकड़कर मेरी उंगलियों को

तूने मुझे चलना सिखाया

भूख लगने पर तूने दूध पिलाया

मेरे रोने पर तूने मुझे चुप कराया

लड़खड़ा कर गिर जाने पर तूने मेरे

अंदर फिर उठने का साहस जगाया

मुझे तकलीफ में देखकर तूने मेरे लिए आंसू बहाया

ऐ माँ तूने मुझे इस जिंदगी में लाया।


जब मैं बड़ा हुआ

अपने पैरों पर खड़ा हुआ         

तेरी गोदी मुझसे दूर चली गई

तेरी आंचल कहीं खो सी गई

तूने मेरे अंदर अपनी ख्वाहिशों को पाला

मगर मैंने नादानी में उसे हंसकर टाला

फिर भी तेरा अटल विश्वास मुझ पर बना रहा

फिर एक दिन मुझे एक बात याद आई

आखिर तू ही तो मुझे इस जिंदगी में लाई।


अब तेरी आंखों का रंग धुंधला पड़ने लगा

शरीर अपना रंग उगलने लगा

चेहरे की झुर्रियां अब तेरी पहचान बन गई

तूने मुझे इतना सब दिया

मगर तेरी जिंदगी एक

झोपड़ी तक सिमट कर रह गई

तेरी इस हालत ने मुझे झकझोर डाला

ऐ माँ तूने मुझे इस जिंदगी में लाया।


मगर एक वह दिन भी आया

जब तेरा साया मेरे सर से हट गया

जिंदगी का एक रोचक अध्याय मेरे जीवन से कट गया

अब केवल तेरी यादें ही रह गई

मगर मुझ अभागे से तेरी कई फरियादें रह गई

आज मुझे अपनी उस गलती का एहसास बहुत होता है

आज जब तेरी याद आती है तो दिल बहुत रोता है।


मेरी उस नादानी की सजा मुझे इतनी बड़ी मिलेगी

शायद मैंने कभी सोचा ना था

जिंदगी तेरे बिना इतनी सूनी हो जाएगी

इसका जरा सा एहसास भी ना था

अब अपनी गलतियों की क्षमा किस से मांगू ?

यह जो हुआ उसकी सजा किस से मांगू ?

तूने मुझ पर सदा प्यार लुटाया

मगर आज मैं तुझ से पूछता हूं

तूने मुझे क्यों इस जिंदगी में लाया ?


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