Raksha Soni

Others

5.0  

Raksha Soni

Others

माँ

माँ

1 min
442


अपने आँचल में समेटे,

ख्वाब मेरे तूने सारे है।

तेरी गोद में खिलखिलाते,

जगमगाते मेरे समेटे हुए तारे है।

तेरी छुअन से खिल जाता,

है मुरझाया चेहरा मेरा।

मेरी रुदन से दहलाता,

है नाज़ुक सा ये दिल तेरा।

एक बार जो तू मुस्कुरा दे,

जगमगा जाएगा ये जहां।

दिल से जो तू दुआ दे,

लगे जन्नत, तीर्थ सब यहाँ।

खुशियाँ सारे जहां की मैं,

रख दू तेरे कदमों में ला,

छुपा ले तेरे पल्लू में,

संभाल कर मुझको माँ।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Raksha Soni