माँ
माँ

1 min

403
सो रही थी मैं कि रात को
उनका सपना आ गया
सपना भी ऐसा के धड़कन
बढ़ा गया
वह पास मेरे आई और मेरे
को समझाया था
आज ख़ुदा ने मुझे सपने में
जन्नत से मिलाया था
उठी तो देखा आँखें नम
हो रही थी
पता नहीं क्यों लेकिन मैं
सच में रो रही थी
उन दो पलों ने मेरे में अलग
सा एहसास जगाया था
नाज है मुझे ऐसे सपने पर
जिसने मुझे मेरी माँ से
मिलवाया था
मुझे मेरी माँ से मिलवाया था