माँ अगर तुम न होती
माँ अगर तुम न होती
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माँ अगर तुम न होती तो,
मैं भी न होती,
अगर तुम दुनिया से न लड़ती तो,
मैं अपने सपने को पंख न दे पाती।।
माँ अगर तुम न होती तो,
मैं भी न होती,
अगर तुम प्यार की बरसात न करती तो,
मैं आज एक लाश होती।।
माँ अगर तुम न होती तो,
मैं भी न होती,
अगर तुम ऊँचे ख़्वाब देखने की आज़ादी न देती तो,
मैं भी एक राख होती।।
माँ अगर तुम न होती तो,
मैं भी न होती,
अगर तुम स्याही न बनती तो,
मैं किताब कैसे लिखती।।
माँ अगर तुम न होती तो,
मैं भी न होती,
अगर तुम मुझे न जोड़ती तो,
मैं आज कांच के टूटे शीशे की तरह की
तरह ज़मीन पे पड़ी होती।।
माँ अगर तुम न होती तो,
मैं भी न होती।।
