"माॅं हिन्दी"
"माॅं हिन्दी"
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जब ऑंख खुली माॅं को देखा
पहले गई सिखाई रेखा
जब मुझको विद्यालय भेजा
तब पुस्तक में शब्दों को देखा
लकड़ी की पाटी को घिसना सीखा
तब मैंने "अ" लिखना सीखा
तुझको देखा तुझको समझा
तुझको ही पढ़ता जाता हूं..
तेरी सहायता के बिन मैं खुद को
अभिव्यक्त नहीं कर पाता हूं
जैसे पहचान सुहागन की
उसके माथे की बिंदी है
तू रहे सुहागन सदा हमेशा
तू मेरी माॅं हिन्दी है....
