कुछ लोग ऐसे भी देखे हैं हमने
कुछ लोग ऐसे भी देखे हैं हमने
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कुछ लोग ऐसे भी देखे है हमने
झुके हुए कंधे और खुश्क हुए होंठ
सर पे लादे है जिम्मेदारी का बोझ
कुछ लोग ऐसे भी देखे है हमने
भीड़ में ज़िन्दगी की दौड़ लगाने की कोशिश
जितनी करते उतने ही पीछे रह जाते !
पर मन की उड़ान को कैद नहीं कर पाते
कुछ लोग ऐसे भी देखे है हमने
टूटे हैं भीतर खुद से कितना भी चाक हुआ दिल,
दर्दोगम को सीने में दफन कर कफन ओढ़ाते
हिम्मत और हौसलों को मशाल बनाते
कुछ लोग ऐसे भी देखे है हमने
आँखो में दिखते हैं नमी के साए
फिर भी लबों पर सदा मुस्कान छाए
प्यार का गागर एक समान छलकाए !
कुछ लोग ऐसे भी देखे हैं हमने।
