.कृष्णा कन्हैया
.कृष्णा कन्हैया
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जय कृष्ण कन्हैया लाल की,
आयो मोहन भद्रपद मास की!
कृष्णपक्ष अष्टमी तिथि शुभ,
देवकी वासुदेव के सुत बन!
रोहिणी नक्षत्र अँधियारी रात,
आये मोहन कृष्ण मुरारी आज!
धन्य आज देवकी वासुदेव,
सारी दुनियाँ प्रफुल्लित झूम उठे मन!
मथुरा से गोकुल आए मोहन,
खिल उठे ब्रजवासियों का मन!
आह्लादित हुए यशोदा माँ नन्दबाबा,
गोप गोपियाँ का है मन हर्षाया!
जन्म लियो आज कान्हा मेरा,
मनभावन रूप सुन्दर सलोना लल्ला!
नर-नारी देवमुनि सब दर्शन पाए,
देख कन्हैया रूप वो तो गए सुध-बुद्ध खोए!
खुशियाँ छाई है घर-घर आज,
ढ़ोल नगाड़ा और बजे शहनाई!
हर्ष उल्लास धूम मची हर तरफ,
हुई है आज पूरी सृष्टि पुलकित!
धन्य हो गई हैं धरती आज,
सुन्दर सलोना कान्हा प्रभु आए आज!
खिल गई है दिल की बगियाँ मेरा,
ना जाने कबसे सूना था मन मेरा!
माखन मिश्री मेरे श्याम को प्यारा,
भक्तवत्सल हैं करते जीवन में उजाला!
मोर मुकुट पीताम्बरधारी कान्हा,
लगते हैं वंशीवाले प्रभु सबको प्यारा!
बड़ा नटखट हैं ये गिरधर गोपाला,
मन को मोहे हैं बड़ा ये नन्दलाला!
विष्णु के अवतार बन आए मेरे कान्हा,
उद्धार करने आए हैं हैं ये जग से निराला।।
