खुदगर्ज दुनिया
खुदगर्ज दुनिया
इस खुदगर्ज दुनिया में,
अपने सपनों को महफूज़ रखना।
हजारों मिलेंगे इस ज़िन्दगी के
सफ़र में,
पर कोई अपना नहीं बन पाएगा।
भूल जाएगी ये दुनिया तुम्हें,
उनका तुमसे जब मतलब
निकल जाएगा।
बस याद हमेशा इतना रखना ,
खुद पर बेशुमार भरोसा रखना।
ग़लतियों से फासला बरकरार रखना,
तुझे खबर नहीं होगी और
तेरी ग़लतियाँ तेरी कमजोरी बन
जायेंगी।
तू बेखबर होगा और ये रेत अंगारे
बन जाएंगे,
बेवकूफ़ बनकर इस दुनिया पर तू
भरोसा कर बैठेगा,
और ये बेकद्र दुनिया हर वक़्त
तेरा भरोसा तोड़ती रहेगी।
किस्मत का होगा एक हसीन हिस्सा,
तुझे कभी दरिया पार करा देगी ,
तो कभी मझधार में छोड़ जाएगी।
चलना पड़ेगा कुछ ऐसे रास्तों से,
जो ना कभी सीधे थे और ना होंगे।
पर याद हमेशा इतना रखना ,
इस ख़ुदग़र्ज़ दुनिया में अपने
सपनों को महफूज़ रखना।
जब लोग कहेंगे तुझे बुरा,
उन बुराइयों से अच्छाई ढूंढ
निकालना।
अगर इतनी मेहनत के बाद
फिर लगे हाथों में हार,
उस हार से जीने का ढंग सीख
लेना।
तेरे इस सफर में तेरा ख़ुदा तेरा
साथी होगा,
तू उसके लिए वो तेरे लिए काफी
होगा।
मत भूल तेरे इं मासूम कंधों पर हैं
ज़िम्मेदारियां अनगिनत,
पर तेरी सोच और इरादों को
रख हमेशा मज़बूत।
इस सफर में तू इतना गुम हो जाएगा,
की खुद ख़ुद से कभी नहीं मिल पाएगा।
बातें तो हज़ारों रहेगी,
पर तेरी कामयाबी इन लफ़्ज़ों का
ताला बनेगी।
बस याद हमेशा इतना रखना,
इस ख़ुदग़र्ज़ दुनिया में अपने
सपनों को महफूज़ रखना।
