कभी मैं एक सितारा
कभी मैं एक सितारा
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कभी शितल कभी चंचल
कभी शायर कभी गजल
कभी रोती तो कभी हँसती
कभी मैं कुछ नहीं
तो कभी मैं एक सितारा।
कभी ख्वाबों में खो जाती हूँ
खुद ही में रम जाती हूँ
कभी खुद को भूलकर
अप्नोमे सो जाती हूँ ।
कभी शायर बनकर
शायरी लिख लेती हूँ
कभी राह में गिरकर
खुद सम्हल जाती हूँ ।