कालचक्र
कालचक्र
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सत्ता-सुख लोलुप नेता ने जब जब
किया सत्य तिरस्कार प्रति श्वास
सेवा छोड़ सत्ता भोगा जिसने
कभी नहीं भूलेगा इतिहास।
पद, प्रतिमा, व्यक्ति सर्वोपरि जहां
दंभी वो कर ले कितना भी अट्टहास
स्व-समकक्ष उठाने वाले को किंतु
कभी नहीं भूलेगा इतिहास।
नायक वही जो चले न्यायपथ पर
जीते जन मन, चेतना और विश्वास
आज भले पराजय ही हो उसकी पर
कभी नहीं भूलेगा इतिहास।
सजग जिस देश का अनुभव हो
यौवन की आकांक्षा हो विकास
सक्षम उसका भविष्य- वर्तमान, और
कभी नहीं भूलेगा इतिहास।
