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डा आशीष त्रिपाठी अश्क

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डा आशीष त्रिपाठी अश्क

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जिंदगी

जिंदगी

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आज अपना बनाकर गयी जिंदगी

गीत माला के गाकर गयी जिंदगी

हम अँधेरों में जिनको बुलाते नहीं

उन्हें अपना बनाकर गयी जिंदगी।


साहित्याला गुण द्या
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