STORYMIRROR

Vanita Kumar

Others

3  

Vanita Kumar

Others

जिंदगी एक पहेली

जिंदगी एक पहेली

1 min
761

मैं, मेरे दोस्त और कई अनजान ईश्वर से बातें कर रहे थे,

दरअसल उनके सामने इंसान बनने की ख्वाइशें मढ़ रहे थे

प्रभु ने फिर एक परीक्षा का ऐलान कर दिया,

अवधि निश्चित न कर हमें थोड़ा हैरान कर दिया

एक जगह से दूसरी जगह खुद की सड़कें,

खुद की मेहनत के सहारे ही जाना था,

यह तो परीक्षा का अलग ही नमूना था

थोड़ा थके, थोड़ा रुके तो कभी मन के हल्के भी हुए परंतु

आगे बढ़ने की चाह रोज़ मन में अड़े,

कई दोस्तों के रास्ते हमसे जुड़ गए

हम भी देखते-देखते बहुत आगे बढ़ गए।

परीक्षा खत्म हो जाने के बाद हमने भी थोड़ी साँस ली

अब इस जन्म तो इंसान बन जाएँ यही आस थी

भगवान ने उन्हें ही चुना जिनके रास्ते परेशानियां आई बार-बार थी,

परंतु उन्होंने भी उन सबको हरी झंडी दिखाई थी।

अरे धरती पर उतर कर भी तो करनी जिंदगी से खूब लड़ाई थी,

वहाँ भी तो कई मुसीबतों से होनी मुँह दिखाई थी

भगवान ने तो सबके रक्त में साहस की मिश्री मिलाई है

कोई उसे नापता रह गया, किसी ने उसकी मात्रा और बढ़ाई है,

अरे जनाब जिंदगी है, कोई आसान पहेली नही जो सबसे सुलझ पाई है।।



Rate this content
Log in