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Hetalba Jadeja

Others

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Hetalba Jadeja

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झूठ का चक्रव्यूह

झूठ का चक्रव्यूह

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कीतनी आसानी से लोग,

झूठ बोल जाते हैं

जैसे मानो सब, उन्हें ही आता है

बहुत ढोंग करते हैं

ऐसे लोग रिशते बनाने के लिए

और सच्चे लोग तो यही,

एहसाससों में रह जाते हैं।


वो समझते है की

वो बहुत काबिल है इस हुनर में

उन लोगों को आदत भी,

नहीं होती सच बोलने की

और यही फँस जाते हैं

अपने झूठ के चक्रव्यूह में

जब ऐसी परिस्थिति खड़ी

हो जाती हैं सामने

के चक्रव्यूह भेद में,

अर्जुन चाहिये

तब वो कृष्ण भी,

सोच के हँसता होगा की,

तू खुद ना बन सका अर्जुन

तो मैं साथी बन के कैसे आता ।


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