इक्कीसवीं सदी के बच्चे
इक्कीसवीं सदी के बच्चे
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लैपटॉप ले निकले बच्चे
काम करें वे अच्छे-अच्छे
देख उन्हें दुनिया दंग रहे
खिला उनका अंग-अंग रहे।
कागज कलम नहीं दवात
बात-बात पर खाए न लात
उंगली हिलती अक्षर बनते
गलती अब कहीं न दिखते।
झट-पट सब हो जाता काम
बच्चे बड़े सभी को आराम
कॉपी पेस्ट से काम चलाते
भारी बस्ता से बच जाते।
दौड़ धूप गए बच्चे भूल
हाथ पांव में लगे न धूल
बैठे-बैठे खेलें सब खेल
रहता आपस में बड़ा मेल।
लैपटॉप ने किया कमाल
हर बच्चे अब करें धमाल
बड़ों को बच्चे ही सिखलाते
ज्ञान की नई बात बताते।।
अनोखी दुनिया अनोखा अंदाज
हर दिन दिखे इक नया ही काज
उंगली पर अब सभी को नचाता
जो जाने राज वो मस्त हो गाता।