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Vandana Dubey

Others

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Vandana Dubey

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होली

होली

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आ गया है मधुमास, मन में रंगोली आस

गोप गोपियन में, आज क्यों अबोली है ।


ब्रज में मची है धूम, कान्हा संग घूम-घूम

गोपियों को ढूँढ रही, देखो ग्वाल- टोली है ।


छत की मुंडेर पार, छिपी बैठी ब्रजनार

अबीर-गुलाल भरी , एक-एक झोली है ।


घेर लीनी ग्वालटोली, केशर तिलक रोली

डूब रही रंग में, कितनी ये भोली है ।


तिरछे कटीले नैन, गोपियों के तीखे बैन

नेह नहीं फिर ऐसी कैसी ये ठिठोली है ।


रंगीली है आज होली, रार छोड़ो हमजोली

ॠतु ये सुहानी मधु-रस-रंग घोली है ।


भर पिचकारी मारी, रूपसी ये कौन नारी

भीख रही देखो कैसी, कान्हा हमजोली है ।


बृषभानु की किशोरी, कान्हा संग खेले होली

केशर फुहार देखो, होली-है , होली-है ।


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