हो मुहब्बत तो बस जहाँ यूँ ही
हो मुहब्बत तो बस जहाँ यूँ ही
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हो मुहब्बत तो बस जहाँ यूँ ही
कौन होगा फ़िदा वहाँ यूँ ही
अब तो ईमान है तसव्वुर में
शख़्स घूमे है हर यहाँ यूँ ही
अब हैं मसरूफ़ सब बिला मतलब
अब मिलेगा सुकून हाँ यूँ ही
वैसे हम हैं तो कुछ नहीं यारों
छोड़ जाएँगे कुछ निशां यूँ ही
यूँ तो आज़ाद रूह का हूँ मैं
है यहाँ कश्मकश में जाँ यूँ ही
गाँव उजड़ा है आग तो होगी
वैसे उठता नहीं धुआँ यूँ ही
दिल में अब इंक़लाब हो अपने
हो न अपना लहू रवाँ यूँ ही
