गुलाब: खूबसूरती और कांटा
गुलाब: खूबसूरती और कांटा
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मैंने भी सहे हर वो जख्म
उसे पाने के लिए
जो सहना पड़ता है
एक गुलाब के फूल को पाने के लिए
मैंने भी बहाए वह आंसू रूपी पानी
उसे अपना बनाए रखने के लिए
जो बहाना पड़ता है
एक गुलाब के फूल को बनाए रखने के लिए
वो थी भी बेहद खूबसूरत
बिल्कुल गुलाब की तरह
उसमें भी था झूठ रूपी कांटा
ख़ुद को बचाने के लिए
बिल्कुल गुलाब की तरह!
