Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

एक ज्योत

एक ज्योत

1 min
124


हर उठते सूरज के साथ,

ढलती हैं जीने की आस;

हर ढलती शाम के साथ,

जी उठता है लिखने की प्यास;

कवि बनने की चाहत, जग सा जता हैं मन मे,

सुकून सा दे जाता हैं, अंदर छिपा लेखक

जीवन में ||


कितनी हसीन शामें, कितने ही हसीन लम्हें

वो रातों के, न देखे है इन नैनन ने;

मुंह फेर जाता है क्यों, जब भी चाहता हूं,

आना, तेरे आंगन में !!

मुंह फेर जाता है क्यों, जब भी चाहता हूं,

आना तेरे आंगन में ?


बस कर ये बैर; और न सहा जाएगा,

खामखां तकलीफ देना ही क्या , तुझे सर्वश्रेष्ठ

बना जाएगा ??

खामखां तकल्लुफ देने ही क्या तू

सर्वशक्तिमान कहलाएगा !!

खामखां ... खामखां....खामखां....!


जीवन भी हैं कया खामखां,

तकलीफें, दुःख - दर्द भी क्या खामखां,

बस कर दे, अब तू, मिटा दे इस क्षण यूं

और ना सहा जाएगा, मनभीतर जो तू हैं बसा,

प्रत्यक्ष कब सामने आपाएगा ?

अब और न सहा जाएगा.... अब और न सहा जाएगा.....


अब

और न सहा जाएगा !


शुक्रगुजार आपका

सदैव कवि।



Rate this content
Log in

More hindi poem from Mausumi Sen