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Raushan Kumar

Others

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Raushan Kumar

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दवाखाने

दवाखाने

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इस शहर में हम जैसे अनजाने बहुत हैं

मैंने सुना है की तेरे दीवाने बहुत हैं


दो बूँद ज़हर तक नसीब नहीं होती खुलेआम यहाँ

और लोग कहते हैं कि मरहम के दवाखाने बहुत हैं ॥


बरसों गवां दी उसके इंतज़ार में, उसी बाजार में

जहाँ नाज़नीन बहुत हैं नज़राने बहुत हैं


क्या पता था राह चलते भी पिलाती हैं साकियां

यहाँ हर चौक हर मोड़ पर मयखाने बहुत हैं ॥


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