Karuna Madhu Vinod Gurung
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उस राह पर थे हम भी चले खुद को मजबूर ना कह,
पैरों पे छाले हमने भी थे सहे खुद को तो गरीब ना कह,
मुस्कुरा, हौसला रख,वो मलिक आज भी है तेरे साथ खड़े !
दुआ और उम्मीद
इबादत