चुना लगाओगे
चुना लगाओगे
तुम पाप करोगे
दूसरों से करवाओगे
फिर गंगा में जाओगे
डुबकी लगाओगे
पूजा कराओगे
आरती उतरवाओगे
प्रसाद बंटवाओगे
भगवान को ललचाओगे
उसे चुना लगाओगे
उसे चुना लगाओगे
समाज में देवी का
उत्सव मनाओगे
गुमनाम गलियों में
औरतों की
इज़्ज़त लुटवाओगे
जंजीरों से जकड़ कर
उनको बंधवाओगे
पंख उनके काटकर
ख़ुशियाँ मनाओगे
नाम के लिए देवी पर
काम के
लिए बीवी बोल कर
उन्हें चुना लगाओगे
उन्हें चुना लगाओगे
तुम मंदिर में जाओगे
पैसा डलवाओगे
मिठाईयां बटवाओगे
भगवान से दुआओं की
बरसात करवाओगे
पर हर किसी अनाथ को
भूखा मरवाओगे
झूठे आशीर्वाद से
खुद को
चुना लगवाओगे
चुना लगवाओगे
तुम लड़की पटाओगे
उसे घूमा के लाओगे
टाईमपास कराओगे
जो चाहे खिलाओगे
लेकिन अपनी बहन
को ना बोल कर
उसे चुना लगाओगे
उसे चुना लगाओगे
भगवान के चरणों पे
माथा टिकाओगे
माता-पिता को घर से
बाहर फिकवाओगे
शर्म को बेशर्मी की
सूली पे लटकाओगे
उन बेचारों को न जाने
कहां भटकाओगे
कर लो चाहे जितनी
कोशिश कर पाओगे
कर्मों के भोग से
कैसे बच पाओगे
आखिर में खुद को
ही चुना लगवाओगे
चुना लगवाओगे
चुना लगवाओगे
