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Sakshi Agarwal

Others

3.2  

Sakshi Agarwal

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चोट

चोट

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उसे लगी थी एक चोट,

उसमे नहीं था कोई खोट।

कमाल का जोश था उसमें,

थी तो वह पूरे होश में।

चलते चलते अचानक वो गिर गई,

पैर मुड़ा और उसे चोट लग गई।

मां मां कहती हुई , रोती हुई वह उठी,

किसी के ना आने पर वह बहुत रूठी।

खुद को संभालती हुई कमरे में जा पहुंची,

जो हुआ उस बारे में विस्तार में सोची।

रोते रोते चोट पर मरहम लगाती हुई,

पता नही वह कब सो गई।


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