STORYMIRROR

Surya narayan Mahapatra

Others

3  

Surya narayan Mahapatra

Others

चल तु आखरी चाल की बाजी

चल तु आखरी चाल की बाजी

1 min
342

चल तू आखरी चाल की बाजी

अब तो वजीर भी पिट गया प्यादे से

राजा भी अब हो गया राजी

जब घेरा गया मुझे घोड़े से।


युद्ध क्षेत्र अब बन गया काला

मैं घिरा हुआ चक्र व्यूह में,

मैं अब बेबस लाचार अकेला

देखता खुद को मेरे अपनों के लहू में।


साम्राज्य में फैला गया

अब दुश्मन का हाथ,

अब तो हार शुनिश्चत है

कोई नहीं बचा अब मेरे साथ।


अब सोलह एक में विभाजित है

शतरंज का यह कपटी खेल,

जिसमें दुश्मन बड़ा है चाल बाज़

दुश्मन के दाव का ना कोई मेल

लगता है हार जाऊँगा में आज।


क्या मैं मान जाऊँगा हार

छोड़ दुगाँ करना लड़ाई

मेरा मन का था सिर्फ यह पुकार

क्या इतना मुश्किल है यह चढ़ाई।


मुझे लड़ना होगा इन सबसे

चक्र व्यूह अब तोड़ना होगा,

मुझे बढना होगा मेरे अपने भरोसे

दुश्मन से अब भिड़ना होगा।


यह दरिया भी पार कर जाऊँगा

लेकर साहस की नाव

मैं आज जीत कर दिखाऊँगा

लेकर आशा की भाव।


Rate this content
Log in