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Sarita Kumar

Children Stories

4  

Sarita Kumar

Children Stories

छोटी सी गुड़िया की लम्बी कहानी

छोटी सी गुड़िया की लम्बी कहानी

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सुनो 

छोटी सी गुड़िया की 

लम्बी कहानी 


पांव जमे थे ज़मीन पर 

ऊंची थी हौसलों की उडान

चाहत थी


छूना है आसमान

चांद तारों से उसकी 

यारी हो गई 

सूरज चाचा भी उसका 

सगा हो गया 

बादलों से की उसने 


थोड़ी आशिकी 

बारिशों ने उसका जहां 

आबाद कर दिया 

गुलशन 


उसका गुलज़ार हुआ 

धरती से उसको 

प्यार हुआ 

बंजर ज़मीं भी 

नम हो गई

दूब पत्थरों पर भी 

उगने लग गई 


एक छोटी सी गुड़िया की 

लम्बी कहानी 


इंद्रधनुषी रंगों से 

सजा आशियाना 

महका फूलों की खुशबू से 

घर आंगन उसका 

हुई धरती उसकी 


आसमां भी हुआ 

चांद तारों का क्या 

जब सूरज ही ढल गया

 

एक छोटी सी गुड़िया की 

लम्बी कहानी


जो चाहा वो पाया

कुछ भी न छूट आया 

हासिल हुए 

उसे

     दोनों जहां 

हमारा तुम्हारा 

तुम्हारा हमारा 

सब कुछ उसका हुआ 

जिसका कुछ भी न था ....


एक छोटी सी गुड़िया की 

सुंदर कहानी 


बादल भरने लगे 

उसके घर पानी 

दिन भर सूरज करे निगरानी

चांद करे 

रात को पहरेदारी 

सितारे भी करने लगे चाटुकारी 


एक छोटी सी गुड़िया की 

बड़ी प्यारी कहानी 


ना नाना न नानी 

फिर भी सब की दुलारी 

एक मामा थे , खो गये 

मौत की नींद सो गये 

राखी बांधने को पीछे से 

मां भी गयी  


धर्म पापा भी अपना 

निभाने को गये 

तब दुनिया में गुड़िया अकेली हुई 

और  फिर ?

फिर मिल गये सब उसे 

और वो सभी की हुई।


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