बुलंद हौसले
बुलंद हौसले
1 min
172
हौसले बुलंद हो तो नामुमकिन कोई मंजिल नहीं,
आग लगाना पानी में भी मुश्किल नहीं,
आज चाँद तक पहुंच रहे हैं लोग,
देखो कितनी बड़ी है इनकी सोच।
हर रोज हर घंटे कुछ अनोखा बना रहे
हर तरीके से अपनी दुनिया को सजा रहे,
इन्हें बस मंजिल दिखती है,
नींद आंखों में हो फिर भी ये आंखे ना रुकती है।