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Esha Sahay

Others

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Esha Sahay

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बसंत उत्सव

बसंत उत्सव

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मन मस्त मलंग सा मचलाया,

भंवरो का मन भी बौराया,

मन आँगन खिल उठी पीली सरसों,

पेड़ों पर देखो बंसत आया


आम्र मंजरियों ने हर्षाया,

कोयल ने कूक गीत सुनाया,

जंगल -जंगल फैली मोहक खुशबू,

हवा बंसती ने नव गीत गाया,


तितलियों नें नव जीवन पाया,

वृक्षों पर नव पल्लव पाया,

बंसती चूनरी धरा ने ओढ़ली,

महुआ फूलो ने जंगल को महकाया,


मन मस्त मलंग सा मचलाया,

पलाश फुलों पर यौवन आया,

मनमोहक, मादक प्रकृति की छँटा,

गलमोहर फूलों ने मन को लुभाया।


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