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Ajinkya Rathod

Others

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Ajinkya Rathod

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बोल ना ऐ ज़िन्दगी!

बोल ना ऐ ज़िन्दगी!

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कबतक यूँही खयालो मैं आती रहोगी..

मेरे खोये हुए सपने सजाती रहोगी...

तमन्ना थी तुझसे रुबरु होने की...

आखिर कबतक मुझे खुदसेही मिलाती रहोगी...

अरमानो से भरी कश्ती है मेरी..

उसमें ही छुपी है कहानी पूरी...

यूँ लहरो से तो है बहुत ताल्लुकात मेरे...

तुम कबतक अपना रुख़ बदलती रहोगी..

बोल ना,ऐ ज़िन्दगी!

        



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