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SHUBHAM KUMAR

Children Stories Inspirational

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SHUBHAM KUMAR

Children Stories Inspirational

बन जा प्यारे महान तू

बन जा प्यारे महान तू

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वृक्ष कटे तो सिर कटे धरती के,

पर कटे उड़ते हर एक पंछी के,

जीव सभी अपनी व्यथा से मृत हो जाएँ,

शेष जो रह जाएँ, वे बेचारे किधर को जाएँ।


नदियाँ जो विश्व को सुख पहुँचाया करती हैं, 

कण-कण में जो प्रेम रस बहाया करती हैं, 

यदि वे सूख जाएँ तो कैसा आलम छाएगा? 

क्या कोई जीव इस जगत में जीवित रह पायेगा?


ऐ मनुष्य! हो सके तो कर एक उपकार तू। 

क्योंकि इस धरती की ही है संतान तू, 

तो जीवनदायिनी वृक्षों की तू रक्षा कर, 

पशुओं के लिए बन दयावान तू,

पंछियों तक तू प्रेम पहुँचा प्यारे,

स्वच्छ रखकर नदियों को बन महान तू। 

प्रकृति से प्रेम कर, बन जा प्यारे महान तू। 

बन जा प्यारे महान तू ।।


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