Raj mevada
Others
तूने तो अपने को ही उठा लिया
अब कहाँ जा के माथा टेकूं।
जिससे घर चलता वही दीपक बुझा दिया
अब किसके सामने मदद की निगाहों से देखूं।
शब्द
संघर्ष
लफ़्ज़
जिंदगी
सफलता
मेरे वक्त में
डायरी में
दिखावे की दुन...
चेहरा