बाल गीत: पापा बोले पढ़ो I
बाल गीत: पापा बोले पढ़ो I
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पापा बोले पढ़ो
तुम तो आगे बढ़ो
तुम प्यारी गुड़िया हो
सफलता ही गढ़ो
पसीने जिसके छूटे
काम कैसे करें
उफ यह गरमी
आराम कैसे करें
पढ़ना न मन को भाए
खेलना ही मुझको आए
खेलने पढ़ने की कुश्ती में
उम्र तो बीता जाए
हरे-भरे मैदानों में
इन खेत खलिहानों में
आगे ही बढ़ता जाऊं मैं
सदा ही मुस्कुराऊं मैं।
