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Meena Kundaliya

Others

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Meena Kundaliya

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अंतर्मन

अंतर्मन

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संघर्ष करती इच्छाएं,

कुछ कसक,

कुछ घुटन,

कसमसाते से विचार,

खुद से अनगिनत से सवाल,

रहते हैं अंतर्मन में...

आशा की किरण बन कर ,

झरोखे से आती है रोशनी,

बंधनों को खोलना,

पीड़ा को तोड़ना,

तड़प को बहाना चाहती है,

ठंडी हवा का एक झोंका,

ताज़गी भरा,

खुशियों भरा,

सुविचारों भरा,

जो अंतर्मन को महकाएगा,

इस रोशनी के आते ही ,

एक नया अंतर्मन बन जाएगा।


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