अहसास
अहसास
वक़्त यूँ ही गुज़र जाएगा
तुम उस वक़्त का अहसास रखना
बचपन की उन यादों का
माँ का प्यार से सहलाने का
बिन माँगे सब कुछ मिल जाने का
लाड़ में उसके पल्लू
से मुँह पोंछने का
तुम अहसास रखना
वो गर्मियों की छुट्टियों का
आज याद आ जाना
दोस्तों के साथ
हंसी -ठहाके लगाने का
रात को आँगन में
चारपाई पे सो जाने का
तुम अहसास रखना
सूरज के उगने का
सुरमई शाम हो जाने का
चिड़ियों के घर जाने का
नई सुबह के लिये
रात के जाने का
तुम अहसास रखना
पंछी आकाश में उड़ने का
पवन सृष्टि में बहने का
फूल धरा पर खिलने का
झरने नदियों में गिरने का
तुम अहसास रखना
अपने मन की न होने का
अपनों को रूठने मनाने का
गिले शिकवे मिटाने का
रिश्तों में प्यार जताने का
तुम अहसास रखना
वक़्त नहीं भूलता कोई मंज़र
करम के इस फेर में किसी को
कम-ज़्यादा नहीं मिला है
जो जिसके क़ाबिल है
वहीं उसके हाथ आया हैं
आज भूल जा दुख के हर
अहसास को
याद रख सिर्फ़ उन्हीं लम्हों को
जो जी लिये हैं तुमने
और तुम्हें हर पल जिसमें
असीम ख़ुशी का अहसास हो