आज बेरंग हुए....
आज बेरंग हुए....
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अरे हाँ हाँ .... सही
हों तुम हम गलत
हैं ...... बस देख लिया आज
किसके कैसे ढंग
हैं ..... मान गए
मान गए .... अब
सबके जलवे जान
गये .... मुंह पे कुछ
और पीठ पीछे कुछ
और हाँ....... आज कल
के लोग कौन
है ..... जुबां पे
जहर हैं ..... तो
हाथों में छूरी .... पीठ
पीछे मारते
हैं.... और सीधा दिल
से बाहर निकालते
हैं..... जिन्दगी
भी यही है.... लोग एक
ना एक दिन
रंग दिखाते
है।.....
