बैठूँ हर रोज़, कुछ देर इस चमन में, चुन लूँ कुछ फूल, और गुलदस्ता बना लूँ...! बैठूँ हर रोज़, कुछ देर इस चमन में, चुन लूँ कुछ फूल, और गुलदस्ता बना लूँ...!