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खामोशियों...

खामोशियों में भी शोर मचा रही हैं हकीकत की, समंदर निचोड़कर दो बूंदें जो आईं हैं मेरी आंखों में, तेरे होने का इज़हार करती हैं हमेशा.... मेरी सांसों में........ ‌‌‌

By Mr. Akabar Pinjari
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