I am a Teacher,a Poet,a Storywriter,a Translator,I love Humanity and Sufism.
कहो! मज़ा क्या ? जो खाने में दावत के बग़ैर है बच्चों को बहकना कहो! मज़ा क्या ? जो खाने में दावत के बग़ैर है बच्चों को बहकना
दिलचस्प जो भी है वो ज़ोर- ए - क़़लम है। दिलचस्प जो भी है वो ज़ोर- ए - क़़लम है।
मुहब्बत ही सिर्फ़ इलाज है मुहब्बत ही सिर्फ़ इलाज है
ज़िन्दगी में खो गया जो ज़िन्दगी में हो गया जो! ज़िन्दगी में खो गया जो ज़िन्दगी में हो गया जो!