I'm Kamlesh and I love to read StoryMirror contents.
ज़हर का घूँट ज़हर का घूँट
पर आईना बनने के लिऐ पर आईना बनने के लिऐ
तुम केवल श्रद्धा नहीं हो तुम केवल श्रद्धा नहीं हो
न होने दो खंडहर न होने दो खंडहर
मेरी बेटी मेरी बेटी
एक और गाँधी एक और गाँधी
इक्कीसवीं सदी में इक्कीसवीं सदी में