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तुम्हें हर वो जगह दिखाऊँगी तुम्हें हर वो जगह दिखाऊँगी
मेरी ओर हाथ बढ़ाते हो जब थामने को होती हूँ, हिचकी बन जाते हो। मेरी ओर हाथ बढ़ाते हो जब थामने को होती हूँ, हिचकी बन जाते हो।
'तुम जङ बनकर सब बाँध रही, मैं खिलती फूल-पात सी हूँ, मत बोलो माँ, मैं दूर गई, जो कुछ भी हूँ, बस तुमसे... 'तुम जङ बनकर सब बाँध रही, मैं खिलती फूल-पात सी हूँ, मत बोलो माँ, मैं दूर गई, जो ...