मैं 11वी का छात्र हूँ।मुझे बचपन से ही कविता और सह्यरी का शोख रहा है और मैं इसमें कुछ अलग और अच्छा करना चाहता हूँ।मैं दिलजलों को फिर से दिल लगाने की नाशिहत देता हूँ।मैं नही चाहता कि प्यार मैं कोई अपनी जान दे।
जिसकी खातिर हमने बैर लिया था सारे जहाँ से, वो दिलरुबा ही अब हमारी दुश्मन हो गयी... जिसकी खातिर हमने बैर लिया था सारे जहाँ से, वो दिलरुबा ही अब हमारी दुश्मन हो गयी...
प्रेम भी तभी जीवित रहता ,जबतक आत्मसम्मान बनी रहे,खुद को गिरा अपने ही नज़रों में कभी प्रेम नहीं खिलता प्रेम भी तभी जीवित रहता ,जबतक आत्मसम्मान बनी रहे,खुद को गिरा अपने ही नज़रों में क...
मुहब्बत में तो एक न एक दिन मुझको छोड़ जाओगी...। मुहब्बत में तो एक न एक दिन मुझको छोड़ जाओगी...।