Poet, Writer, Career Counsellor, Teacher and Motivational Speaker
मैं तो खुलेआम कविता का व्यवसायीकरण कर रहा हूँ, क्या चोरी है इसमें.... मैं तो खुलेआम कविता का व्यवसायीकरण कर रहा हूँ, क्या चोरी है इसमें....
चने के झाड पे चढ़ाना" ई कुछ ज्यादा ही हो जाता है साब जी! चने के झाड पे चढ़ाना" ई कुछ ज्यादा ही हो जाता है साब जी!