जन्म तिथि - 19/10/1976 व्यवसाय - फोटोग्राफी (फोटो स्टूडियो) शिक्षा - स्नातक जीवन के थपेड़ों से टूटकर बिखरा हूं मैं रफ्ता रफ्ता आग में जलकर निखरा हूं मैं।
Share with friendsशिकायत हो अगर मुझसे शिकायत खुलके तुम कर लो। दुखाया हो जो दिल तेरा बग़ावत खुलके तुम कर लो। मगर चुपचाप मत बैठो न दिल पर बोझ तुम रक्खो- मुहोब्बत खुलके तुम कर लो या नफरत खुलके तुम कर लो। रिपुदमन झा "पिनाकी" धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक
अभी अंधेरा जरा घना है सुहानी लेकिन सुबह भी होगी। उदासी और दुःख के बीच थोड़ी हंसी खुशी की वजह भी होगी। निराश जीवन से हो न ऐसे, यूं जी कि जैसे हुआ नहीं कुछ - अभी है कुछ रार भाग्य से भी, मगर कल उससे सुलह भी होगी। रिपुदमन झा "पिनाकी" धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक
ऐसी कोई गांठ नहीं है जो खुल नहीं सकती। चाहे जीवन में हो, या संबंधों में हो। बस थोड़ा धैर्य और विश्वास बनाए रखना और प्रयास करते रहना होगा। रिपुदमन झा "पिनाकी" धनबाद (झारखण्ड)
पहले सा होली में अब रंग नहीं दिखता है। हर्ष उल्लास और उमंग नहीं दिखता है। खो गई खुशियों की वजह भी अब- अब किसी मन में वो तरंग नहीं दिखता है। रिपुदमन झा "पिनाकी" धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित
पहले सा होली में अब रंग नहीं दिखता है। हर्ष उल्लास और उमंग नहीं दिखता है। खो गई खुशियों की वजह भी अब- अब किसी मन में वो तरंग नहीं दिखता है। रिपुदमन झा "पिनाकी" धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित
आजकल लोग... संबंध कहां निभाते हैं, संबंधों को निभाने का; औपचारिक प्रयास करते हैं। रिपुदमन झा "पिनाकी" धनबाद (झारखण्ड)
बच निकलता है सज़ा से करके वो ढेरों गुनाह। और उसका क्या करे जीवन हुआ जिसका तबाह। लेता है कानून के कमजोरियों का फ़ायदा- न्याय है दोषी यहां दोषी यहां हर सरबराह। रिपुदमन झा "पिनाकी" धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित
छोटा सा परिवार है सुख दुःख का का संसार है मेल-जोल से रहते सारे सबमें ढेरों प्यार है। खुशियों की बौछार है मीठी सी तकरार है। रौनक ऐसी ही रहती है जैसे तीज त्यौहार है। रिपुदमन झा "पिनाकी" धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित