STORYMIRROR

अभी अंधेरा...

अभी अंधेरा जरा घना है सुहानी लेकिन सुबह भी होगी। उदासी और दुःख के बीच थोड़ी हंसी खुशी की वजह भी होगी। निराश जीवन से हो न ऐसे, यूं जी कि जैसे हुआ नहीं कुछ - अभी है कुछ रार भाग्य से भी, मगर कल उससे सुलह भी होगी। रिपुदमन झा "पिनाकी" धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक

By रिपुदमन झा "पिनाकी"
 20


More hindi quote from रिपुदमन झा "पिनाकी"
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
12 Likes   0 Comments
30 Likes   0 Comments
16 Likes   0 Comments