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एक दिन मैं बाजार जा रहा था तभी एकाएक मुझे अमित तथा चाँदनी आते हुए दिखाई दिए। एक दिन मैं बाजार जा रहा था तभी एकाएक मुझे अमित तथा चाँदनी आते हुए दिखाई दिए।
असामान्यों की भाँति बढ़ता जा रहा था और शमा की चिता उसकी आँखों से ओझल हो चुकी थी। असामान्यों की भाँति बढ़ता जा रहा था और शमा की चिता उसकी आँखों से ओझल हो चुकी थी।
गोपाल यह सब सुनकर इतना स्तब्ध हुआ कि पागल प्रेमियों की भाँति रश्मि को दर-दर ढूंढता फिर गोपाल यह सब सुनकर इतना स्तब्ध हुआ कि पागल प्रेमियों की भाँति रश्मि को दर-दर ढूंढ...
कुछ ही दिनों में वह एक मुरझाए हुए फूल के समान लगने लगी। कुछ ही दिनों में वह एक मुरझाए हुए फूल के समान लगने लगी।
आज रवि का सर अभिमान से ऊपर उठा हुआ था तथा चेहरे पर एक अनोखा तेज था।.... आज रवि का सर अभिमान से ऊपर उठा हुआ था तथा चेहरे पर एक अनोखा तेज था।....