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बचपन आज भी मुझे याद है जब मैं सबकुछ बदलना चाहता था बचपन आज भी मुझे याद है जब मैं सबकुछ बदलना चाहता था
एक चिंगारी उजाले की मैंने भी मन में जलाई है। एक चिंगारी उजाले की मैंने भी मन में जलाई है।
मन में नूतन उल्लास बांधकर एक दिन ओ मंजिल के राही मन में नूतन उल्लास बांधकर एक दिन ओ मंजिल के राही