I'm akash and I love to read StoryMirror contents.
कुछ अच्छी कुछ खट्टी यादों को बटोर कर। आंखों में नमी चहरे पर मुस्कराहट लिए, कुछ अच्छी कुछ खट्टी यादों को बटोर कर। आंखों में नमी चहरे पर मुस्कराहट लिए,
कोई अपना सबकुछ लुटाए बैठा है और किसी के दिल को खबर तक नहीं। क्या अजीब सिलसिला है मोहब्बत का कोई अपना सबकुछ लुटाए बैठा है और किसी के दिल को खबर तक नहीं। क्या अजीब सिलसिला ...