मैं भाषा अध्यापक के पद पर तैनात हूं मुझे बचपन से ही कविता लिखना और साहित्य पढ़ना अच्छा लगता है
आज तू चाहे मुझे समझ ले पराया लेकिन मैं तेरा अपना ही हूंl आज तू चाहे मुझे समझ ले पराया लेकिन मैं तेरा अपना ही हूंl
जब भी घर का कोई बाजार जाता कुछ और खिलौने खरीद लाता जब भी घर का कोई बाजार जाता कुछ और खिलौने खरीद लाता