Insane writer with no insanity
आओ न एक नई सुबह की तलाश करें , जो बस हमारा हो, और हम वहाँ ठहर जाएं । आओ न एक नई सुबह की तलाश करें , जो बस हमारा हो, और हम वहाँ ठहर जाएं ।
समझा रहे थे खुद को, झुठी दिलासा दिए, ना जानें कयूँ आज, एक धुँधली सी दुनिया लग रही है। समझा रहे थे खुद को, झुठी दिलासा दिए, ना जानें कयूँ आज, एक धुँधली सी दुनिया ल...
खोज थी सीमित बनारस तक महादेव की, वहीं की वासी हूँ पैदा होके यहाँ पारस हुई। खोज थी सीमित बनारस तक महादेव की, वहीं की वासी हूँ पैदा होके यहाँ पारस हुई।