I'm Abhishek and I love to read StoryMirror contents.
तू ज़ख्म देती रही उन से भी इश्क़ कर बैठे रब से भी क्या मांगा तुझे वो भी हैरान है ये कैसा इंसा... तू ज़ख्म देती रही उन से भी इश्क़ कर बैठे रब से भी क्या मांगा तुझे वो भी ह...
पैसों के इस खेल में छूट जाते है कई कहे अनकहे अपने पीछे फिर भी रोज़ निकल पड़ता हूँ मैं पैसों के इस खेल में छूट जाते है कई कहे अनकहे अपने पीछे फिर भी रोज़ निक...